वन्य जीवन में दिलचस्पी रखने वाले लोग सत्यप्रकाश पांडेय को अच्छी तरह जानते हैं। वे बिलासपुर में रहते हैं और वन्य प्राणियों की तस्वीरें लेने का उनमें एक जुनून है। फेसबुक पर उनसे जुड़े लोग लगभग रोज पशु पक्षियों की नई तस्वीरें उनकी वॉल पर देख पाते हैं। एक से बढ़कर एक तस्वीरें। और साथ में उनसे जुड़ी जानकारी भी। उनका फेसबुक पेज वन्य जीवन का एक छोटा मोटा इनसाइक्लोपीडिया है। उनकी तस्वीरों की कई प्रदर्शनियां लग चुकी हैं। कई स्पर्धाओं में उनकी तस्वीरों ने पुरस्कार जीते हैं। कई प्रकृति प्रेमी संस्थाएं लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए उनकी तस्वीरों का इस्तेमाल करती हैं। सरकारी कैलेंडर में भी उनकी खींची तस्वीर मौजूद है। फोटोग्राफी के अपने इस जुनून के चलते पता नहीं कितने लोगों में उन्होंने प्रकृति और वन्य जीवों के प्रति प्रेम पैदा कर दिया है। वन्य जीवों की फोटोग्राफी न सिर्फ जी तोड़ मेहनत मांगती है बल्कि इसमें खतरे भी हैं। इनके बीच वे िनरंतर अपना काम कर रहे हैं। महानदी न्यूज डॉट कॉम ने उनसे उनके काम के बारे में बात की-
0 आप अपने बारे में संक्षेप में बताएं। यह भी बताएं कि फोटोग्राफी का शौक आपमें कब-कैसे पैदा हुआ?
00 मैं बिलासपुर मे रहता हूं। पिता की सरकारी नौकरी के कारण मेरी पढ़ाई अलग अलग शहरों में हुई। बिलासपुर से मैंने बीएससी की। जंगलों और पशु पक्षियों से मुझे बचपन से प्रेम था। फोटोग्राफी की तरफ मेरा ध्यान तब गया जब कैमरे वाले मोबाइल बाजार में आए। उन्हीं से मैंने तस्वीरें लेना शुरू किया। 2011 के आसपास वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी का शौक लगा। मैंने निकॉन डी 7000 कैमरा और टेमरॉन 150-600 मिमी लेंस से काम शुरू किया। फोटोग्राफी की मैंने कोई ट्रेनिंग नहीं ली। खुद करके सीखा है।
0 आम लोगों के िलए वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी की क्या उपयोगिता है?
00 वन्य जीवन की तस्वीरें लोगों के मन में प्रकृति के प्रति प्रेम उत्पन्न करती हैं। जिनके घर जंगलों से दूर हैं, उनके मन में जंगल को देखने की उत्सुकता पैदा करती हैं। कहीं न कहीं इसमें अपनी सुंदर प्रकृति को बचाने का भाव भी पैदा होता है। घटते वनों और िबगड़ते पर्यावरण के इस दौर में अगर हम इतना भी कर पा रहे हैं तो इस योगदान को कम नहीं कहा जा सकता।
0 आपकी तस्वीरों ने किसी वन्य जीव का जीवन बचाने में मदद की हो, ऐसा कोई वाकया कभी हुआ?
00 जी, सोनू नाम के एक हाथी की तस्वीर मैंने ली थी। उसे जंजीरों से जकड़ा गया था। उसके पांव सड़ने लगे थे। मेरी खींची तस्वीर के साथ न्यायालय में याचिका लगाई गई। न्यायालय के फैसले के चलते हाथी को जंजीरों से मुक्त कर उसका इलाज किया गया।
0 वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी के लिए क्या होमवर्क करना पड़ता है?
00 जिस विषय की आप तस्वीरें लेना चाहते हैं, उसके बारे में जितनी अधिक जानकारी आपके पास होगी, आपका काम उतना ही आसान होगा। पक्षियों की तस्वीरें लेना चाहते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि वे कहां रहते हैं। अगर वे प्रवासी पक्षी हैं तो वे किस मौसम में आते हैं। उनका ठिकाना कहां होता है? पशु पक्षियों के स्वभाव की जानकारी हो तो आप उनकी तस्वीरें लेते समय सुरक्षित रह सकते हैं। अलग अलग परिस्थितियों में पशु पक्षियों का व्यवहार अलग अलग होता है। अगर वे अपने बच्चों के साथ हैं तो अधिक संवेदनशील, सतर्क और आक्रामक हो जाते हैं। जोड़े बनाने के मौसम में भी उनसे दूरी रखना ठीक होता है। कई पक्षी भी अपने अंडों व बच्चों की रक्षा के लिए आप पर आक्रमण कर सकते हैं।
0 क्या आपको कभी ऐसे खतरों का सामना करना पड़ा?
00 ऐसी एक घटना मेरे साथ हुई थी जिसे मैं आजीवन नहीं भूल सकता। 2016 में बेलगहना के जंगल में मैं हाथियों की तस्वीर ले रहा था। वह 13 हाथियों का झुंड था। तब मुझे हाथियों के स्वभाव के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं था। जब मैं पहुंचा तब यह झुंड अपने बच्चों के साथ आराम कर रहा था। उन्होंने मुझे देख लिया। पहले तो धूल उड़ाकर उन्होंने मुझे चेतावनी दी। मगर मैं समझ नहीं पाया। फिर सारे हाथी चिंघाड़ते हुए मेरी तरफ दौड़ पड़े। मैं जान बचाने के लिए भागा। पूरे डेढ़ किलोमीटर दौड़ने के बाद मैं उनसे बच पाया। इस घटना के बाद मैंने हाथियों के स्वभाव के बारे में काफी अध्ययन किया। आज भी कर रहा हूं। जंगली हाथियों की तस्वीरें लेना मेरा सबसे बड़ा जुनून है। यह मुझे रोमांचित करता है। मैंने पाया है कि वे अकारण हमला नहीं करते।
0 आपने पक्षियों पर भी काफी काम किया है?
00 जी, बिलासपुर में बहुत से स्थानीय और प्रवासी पक्षी मिलते हैं। उनकी तस्वीरें लेते लेते मैं उनको करीब से जानने लगा हूं। इनमें हर बार कुछ नया मिल जाता है। आज मेरे पास खुद की खींची पक्षियों की 219 प्रजातियों की हजारों तस्वीरें हैं।
0 आपकी कुछ यादगार तस्वीरें?
00 बेलगहना के 13 हाथियों और सोनू हाथी की तस्वीरों की देश भर में चर्चा हुई। कान्हा में एक भालू की तस्वीर मैंने ली थी, उसे दुनिया भर में सराहा गया। यह तस्वीर दो अमरीकी अखबारों में भी छपी।
0 आप अपनी तस्वीरों को किस तरह प्रचारित करते हैं ताकि प्रकृति प्रेम और पर्यावरण संरक्षण का संदेश अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचा सकें?
0 मैंने अपनी 450 चुनी हुई तस्वीरों की प्रदर्शनी प्रदेश के छह स्थानों पर लगाई है। सोशल मीडिया भी यह संदेश लोगों तक पहुंचाने का अच्छा माध्यम है। पर्यावरण बचाने के लिए काम कर रहे कुछ संगठनों को मैंने अपनी तस्वीरें दी हैं जिनका उपयोग वे जागरूकता फैलाने में कर रहे हैं।
0 पर्यावरण को बचाने के लिए आप क्या कहना चाहेंगे?
00 जंगल कट रहे हैं, जल स्रोत प्रदूषित हो रहे हैं, वेट लैंड कम हो रहे हैं, पशु पक्षियों का रहवास, उनका दाना पानी खतरे में है, इसी के चलते बहुत सी प्रजातियां लुप्त हो गई हैं, बहुत सी लुप्त होने की तरफ बढ़ रही हैं। हमें समझना होगा और अधिक से अधिक लोगों को यह समझाना होगा कि नदी, पहाड़, जंगल को बचाना सिर्फ पशु पक्षियों के लिए नहीं बल्कि पृथ्वी पर जीवन के लिए आवश्यक है। उस पृथ्वी पर जिसमें हम भी रहते हैं।