रायपुर. गोपाष्टमी के पावन अवसर पर आचार्य श्री विद्या सागर जी महाराज ने खैरागढ़ स्थित मनोहर गौशाला में कामधेनु सौम्या को नवकार मंत्र का श्रवण कराया.
आचार्य इन दिनों अपनी अहिंसा यात्रा में विहार कर रहे हैं. इस दौरान वे गौशाला में पधारे और यहां की जा रही गोसेवा का अवलोकन किया. वे यहां की स्वच्छता और सेवाकार्यों से प्रसन्न हुए और इसकी सराहना की. गौशाला के मैनेजिंग ट्रस्टी अखिल जैन पदम डाकलिया ने उन्हें कामधेनु माता के सभी लक्षणों के बारे में बताया. आचार्य ने कहा कि ऐसी गो माता के बारे में उन्होंने सुना था, आज दर्शन हो गए. सौम्या को उन्होंने बहुत दुर्लभ बताया और कहा कि यह अमृत प्रदान करने वाली गौ माता हैं. मनोहर गौशाला में नेत्र विहीन गौ माता की सेवा को देख कर उन्होंने इसकी भी सराहना की. उन्होंने कहा कि यह सेवा अद्भुत व प्रशंसनीय है. उन्होंने इसके लिए ट्रस्ट के सभी सदस्यों की सराहना की. साफ सफाई देखकर बोले कि इस प्रकार की सेवा मन को भाव विभोर कर देती है. गौशाला में गौ मूत्र से बन रहे फसल अमृत की सराहना करते हुए कहा कि गौ मूत्र सबसे उत्कृष्ट तरल पदार्थ है जिसका उपयोग धरती एवम मानव स्वास्थ दोनो को संतुलित करता है .
उल्लेखनीय है कि आचार्य के अनुयायी देशभर में करीब डेढ़ सौ गोशालाओं का संचालन करते हैं.