
राजिम। 12 फरवरी माघ पूर्णिमा से राजिम कुंभ कल्प मेला प्रारंभ हो गया है। राजिम मेला में पहुंचने वाले लोगों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो इसे लेकर प्रशासन ने चाक-चौबंद व्यवस्था रखी है। राजिम बस स्टैंड से मेला मैदान पहुंचने के लिए निशुल्क दो बसें चलाई जा रही हैं। इस बस सेवा का लाभ लेते हुए प्रतिदिन सैकड़ों लोग मेला मैदान पहुंच रहे हैं। साथ ही बस से ही लौट रहे हैं।
इस बार राजिम कुंभ कल्प नवीन मेला मैदान में आयोजित किया जा रहा है, जहां मुख्य मंच में सांस्कृतिक कार्यक्रम, विभागीय स्टाल, फूड जोन, पंचकोशी धाम पर आधारित झांकी, मीना बाजार, मधेश्वर पहाड़ की झांकी आदि है। वहीं पुराने मेला मैदान में संत समागम, महानदी आरती, टेंट सिटी, मनोरंजन झांकी और विभागीय स्टॉल आदि देखने को मिलेगा।
परिवहन विभाग के रविंद्र ठाकुर ने बताया कि राजिम बस स्टैण्ड में परिवहन विभाग द्वारा कंट्रोल रूम बनाया गया है, जहां किसी प्रकार की समस्या होने पर समाधान दिया जाएगा। ठाकुर ने बताया कि राजिम बस स्टैंड से नवीन मेला मैदान पहुंचाने के लिए 2 बस श्रद्धालुओं की सेवा में उपलब्ध रहेगी।
प्रतिदिन हो रही महानदी की महाआरती
राजिम कुंभ कल्प मेला के नदी क्षेत्र पुराने मेला मैदान में प्रतिदिन साध्वी प्रज्ञा भारती के सानिध्य में महानदी की महाआरती की जा रही है। आचार्य-पुरोहित द्वारा मां गंगा का आह्वान कर पूरी श्रद्धा के साथ वैदिक रीति से आरती उतारी जाती है। आचार्य तट पर बने 11 मंचों से बैठकर-खड़े होकर फिर चारों दिशाओं में घूमकर मां गंगा के स्वरूप की आरती की जाती है। आरती में शामिल होने के लिए श्रद्धालु शाम से ही अपना स्थान सुरक्षित कर लेते हैं। महाआरती में 11 पंिडत लयबद्ध तरीके से क्रमवार मां गंगा की आराधना करते हुए आरती करते हैं। तत्पश्चात शिव स्तोत्र और शिव तांडव का सस्वर पाठ करते हैं।