प्रेस फोटोग्राफरों के किस्से
प्रेस फोटोग्राफरों की दुनिया बड़ी दिलचस्प होती है। उन्हें तरह तरह की फोटो खींचने का काम दिया जाता है। कई तस्वीरें खींचना कठिन होता है और कई तस्वीरें खींचना नामुमकिन। तस्वीरें खींचने के बाद कई तरह की टीका टिप्पणियां सुनने को मिलती हैं। कई बार तस्वीरों को ऐसे किसी लेख के साथ लगा दिया जाता है जिससे तस्वीर में नजर आने वाला व्यक्ति बदनाम होता है। वह अपनी नाराजगी उतारने प्रेस के दफ्तर तक आ जाता है। जब कुछ फोटोग्राफर मिल बैठते हैं तो ऐसे कितने ही किस्से निकल आते हैं।
आज शाम कुछ फोटोग्राफर प्रेस क्लब में यूं ही गपशप कर रहे थे। इस दौरान कुछ मजेदार किस्से सुनने को मिले।
इस फोटो में वृद्ध कहां है?
एक फोटोग्राफर को काम दिया गया कि लोक अदालत की फोटो खींचकर लानी है। उस समय लोक अदालत की फोटो खींचना मना था। फोटोग्राफर ने सबकी नजरें बचाकर कुछ फोटो खींच ली। लाकर िप्रंट बनाया और सिटी चीफ को दिखाया। सिटी चीफ ने पहली फोटो देखी और कुछ देर बाद कहा- इसमें कोई वृद्ध नजर नहीं आ रहा है। उसने दूसरी फोटो उठाई और कुछ देर तर उसे देखने के बाद कहा- इसमें भी कोई वृद्ध नजर नहीं आ रहा है। उसने तीसरी फोटो के बारे में भी यही कहा। फोटोग्राफर ने पूछा- आप फोटो में वृद्ध क्यों ढूंढ रहे हैं? सिटी चीफ ने कहा- क्योंकि यह वृ्द्ध लोक अदालत थी। फोटोग्राफर ने बताया- वृद्ध नहीं यह वृहद लोक अदालत थी। सिटी चीफ झेंप गए। पर बात सच थी इसलिए चुपचाप मानना पड़ा।
खटारा स्कूटर, काला धुआं और सुंदर लड़की
एक फोटोग्राफर का प्रेस फोटोग्राफी में पहला दिन था। प्रदूषण की किसी खबर के साथ लगाने के लिए सिटी चीफ ने उससे कहा कि शहर के प्रमुख चौराहे पर एक फोटो खींचनी है। एक खटारा स्कूटर गुजर रहा है। उसमें से काला धुआं निकल रहा है। एक सुंदर लड़की वहां से गुजर रही है। वह चुपचाप जाकर चौराहे पर खड़ा हो गया। जैसी फोटो कही गई थी, वैसी स्थिति बन नहीं रही थी। स्कूटर गुजरता था तो उससे काला धुआं नहीं निकलता था। काला धुआं निकलता था तो लड़की नहीं होती थी। लड़की होती थी तो वह इतनी सुंदर नहीं होती थी। फोटोग्राफर परेशान हो गया। मौके का इंतजार करते करते चार घंटे बीत गए। उसी समय प्रेस के एक सीनियर उधर से गुजरे। उन्होंने पूछा- यहां कैसे खड़े हो? फोटोग्राफर ने आपबीती बताई। सीनियर ने कहा- घर जाओ। मैं सिटी चीफ से बात कर लूंगा। फोटोग्राफर डरते डरते लौट गया। शाम को दफ्तर में सिटी चीफ ने फोटो के बारे में पूछा। फोटोग्राफर ने बताया कि फोटो नहीं खींच पाया। इससे पहले कि सिटी चीफ नाराज होते, सीनियर ने हस्तक्षेप किया। बोले- भाई ऐसी फोटो खींचना नामुमकिन सा है। कल मैं धुएं वाला स्कूटर लेकर आऊंगा। तुम एक सुंदर लड़की लेकर आना। फोटोग्राफर कैमरा लेकर आएगा। तब फोटो बन पाएगी। सिटी चीफ को बात समझ में आई। उसकी नाराजगी दूर हुई। फोटोग्राफर ने राहत की सांस ली।
बंदूक की दुकान में भीड़ का फोटो
एक बार एक प्रेस फोटोग्राफर को काम मिला बंदूक की दुकान की फोटो खींचने का। सिटी चीफ ने कहा- इसमें ग्राहक भी दिखना चाहिए। फोटोग्राफर किसी तरह एक फोटो ले आया। इसमें एक व्यक्ति दुकान पर बंदूक देखता हुआ नजर आ रहा था। सिटी चीफ ने फोटो देखकर कहा- सिर्फ एक ग्राहक? यार कुछ और ग्राहक हों तो कुछ बात बने। उसने फोटोग्राफर को और अच्छी फोटो लाने के लिए भेज दिया। फोटोग्राफर दोबारा बंदूक की दुकान पर पहुंचा। दुकान में कोई ग्राहक नहीं था। उसने दुकानदार से कहा- भैया मेरा नंबर ले लो। जब दुकान में भीड़ रहे तो मुझे फोन कर देना। मुझे फोटो खींचनी है। दुकानदार ने कहा- बंदूक की दुकान है भैया, किराना दुकान नहीं है। यहां भीड़ नहीं लगती। महीने में एक ग्राहक आ गया तो बहुत है। फोटोग्राफर ने लौटकर यह बात सिटी चीफ को बता दी। यह बात दूसरे रिपोर्टरों ने भी सुन ली। सबने कहा- दुकानदार ठीक ही तो कह रहा है। बंदूक की दुकान में ग्राहकों की भीड़ थोड़े ही लगेगी। सिटी चीफ को भी लगा कि बात तो ठीक है।
सांप को थोड़े ही पता था
एक बार एक फोटोग्राफर एक फोटो लेकर आया। उसने सिटी चीफ को दिखाया। एक सांप एक पेड़ पर चढ़ने की कोशिश कर रहा था। पेड़ पर चिड़िया का घोंसला था। सांप की नजर शायद चिड़िया के अंडों पर थी। सिटी चीफ ने फोटो देखकर कहा- विषय तो अच्छा है, पर फोटो दूर से खींची गई है। क्या इसे और पास जाकर नहीं खींच सकते थे? फोटोग्राफर का नाम महादेव था। उसने कहा- भैया आपको मालूम है पर सांप को थोड़े ही मालूम था कि मेरा नाम महादेव है। सिटी चीफ को हंसी आ गई। दफ्तर के और भी लोग इस बात को याद करके देर तक हंसते रहे।