रायपुर। मनोहर गौशाला के ट्रस्टी डॉ. अखिल जैन (पदम डाकलिया) को छत्तीसगढ़ राज्य अलंकरण 2024 यति यतन लाल सम्मान से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर भारत की उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा प्रदान किया गया। इस अवसर पर प्रदेश राज्यपाल रामेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री अरुण साव सहित अन्य मंत्री व गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
गोबर के दीये वितरित करते हैं
उल्लेखनीय है कि हर वर्ष गौशाला की ओर से गोबर के दीपक बनाकर निशुल्क वितरित किए जाते हैं। ये विदेश तक भेजे जाते हैं। इस वर्ष भी गोबर के वैदिक दीपक बनाकर पूरे देश में भेजे गए। एक लाख से अधिक दीये देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, गृहमंत्री, प्रदेश के राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित देश के बाहर भी स्पीड पोस्ट और कुरियर से भेजे गए। दीपक भेजने का मुख्य उद्देश्य प्रकृति की सुरक्षा में अपना कुछ योगदान देना है। डा. जैन ने बताया कि वेदों में लिखा है कि गोबर के दीपक प्रज्ज्वलित होने से ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है। इसके लिए हर साल यह प्रयास किया जाता है।
रसोई के कचरे से बना रहे खाद
मनोहर गौशाला में गोबर और गौ मूत्र से खाद का निर्माण किया जाता है। इस पर वैज्ञानिकों द्वारा रिसर्च भी किया जा रहा है। हाल ही में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में चार दिवसीय एग्री कार्नीवाल ‘राष्ट्रीय किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी’ में डॉ. जैन ने किसानों, वैज्ञानिकों, कृषि कॉलेज के छात्रों के साथ ही अन्य नागरिकों को समूह बनाकर फसल अमृत और मनोहर आर्गेनिक गोल्ड बनाने का प्रशिक्षण दिया। मनोहर आर्गेनिक गोल्ड रसोई के कचरे और गोबर से तैयार किया जाता है। इसके अलावा फसल अमृत बनाने की विधि के बारे में भी बताया। पिछले सात वर्षों में अब तक 5 लाख से अधिक किसानों और लाेगों को फसल अमृत बनाने का प्रशिक्षण निःशुल्क दिया जा चुका है। स्टॉल पहुंचने वाले वैज्ञानिक, छात्र, किसान व अन्य खाद व फसल अमृत का उपयोग करने और बनाने का संकल्प लेकर लौटे। डॉ. जैन ने स्टॉल में पहुंचने वाले लोगों से गौ माता को राष्ट्रीय पशु का दर्जा देने घर-घर में गौ पालन करने की अपील भी की थी।