रायपुर। छत्तीसगढ़ में नई सरकार चुनने के लिए शुक्रवार को मतदान हुआ। इसमें सभी आयुवर्ग के मतदाताओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। पहले चरण की 20 सीटों के लिए 78 प्रतिशत मतदान हुआ था। दूसरे चरण में लगभग इतने ही वोट पड़ चुके हैं। यह आंकड़ा और बढ़ने के आसार हैं क्योंकि अभी पोस्टल बैलेट काउंट नहीं किए गए हैं।
दोनों चरणों में भरपूर वोटिंग ने राजनीतिक दलों और आम लोगों में उत्सुकता बढ़ा दी है। आमतौर पर ऐसी वोटिंग के दो मतलब निकाले जाते हैं। या तो जनता किसी एक दल या गठबंधन को बहुमत से जिताना चाहती है। या फिर मौजूदा सरकार को बुरी तरह उखाड़ फेंकना चाहती है।
इस बार चुनाव में दोनों प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस ने ऐन वक्त पर बड़ी घोषणाएं कीं। कांग्रेस ने धान की कीमत बढ़ाकर देने की बात की तो भाजपा ने भी ऐसा ही वादा किया। भाजपा ने महिलाओं को 12 हजार सालाना देने की घोषणा की तो कांग्रेस ने 15 हजार देने का ऐलान कर दिया। कई जानकारों का कहना है कि ये ही दो मुद्दे चुनाव में निर्णायक साबित होंगे।
दूसरे मुद्दों में एक तो भूपेश बघेल की छत्तीसगढि़या छवि है तो दूसरी ओर ताकतवर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का पहले से ज्यादा सहयोग पाने की उम्मीद है। देखने वाली बात यह है कि भाजपा के 15 साल के लगातार शासन के मुकाबले जनता भूपेश बघेल को एक और मौका देना चाहेगी या एक ही कार्यकाल में उसका इस सरकार से मोहभंग हो गया है।
माना जा रहा है कि गांवों में हुई जबरदस्त वोटिंग कांग्रेस के समर्थन में जा सकती है क्योंकि कांग्रेस ने गांव और किसानों से जुड़े मुद्दे ही प्रमुखता से उठाए हैं।
चुनाव से ऐन पहले सरकार से जुड़े लोगों पर ईडी के छापों से किसकी छवि खराब हुई और किसके प्रति सहानुभूति पैदा हुई, यह भी चर्चा का विषय है।
गोठान, गोबर खरीदी, रीपा और इस तरह की कांग्रेस सरकार की योजनाओं का कैसा और कितना असर है, इस पर भी चर्चा होती है। भाजपा अक्सर गोठानों की दुर्दशा और सड़क पर घूमते मवेशियों को इंगित कर यह बताती है कि गाय और गोबर से जुड़ी भूपेश सरकार की योजनाओं का बुरा हाल है। सरकार से जुड़े लोगों का कहना है कि विपक्ष के लोग यहां आकर गाय-गोबर से जुड़े कामों की तारीफ करके जा रहे हैं। इन योजनाओं से ग्रामीणों, खासतौर पर ग्रामीण महिलाओं को रोजगार मिला है और उनमें आर्थिक आत्मनिर्भरता आई है।
दूसरे चरण में 70 विधानसभा क्षेत्रों में वोट डाले गए। इसके लिए सवेरे आठ बजे से शाम पांच बजे तक का समय निर्धारित किया गया । केवल बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र के नौ मतदान केंद्रों कामरभौदी, आमामोरा, ओढ, बड़े गोबरा, गंवरगांव, गरीबा, नागेश, सहबीनकछार और कोदोमाली में सवेरे सात बजे से दोपहर तीन बजे तक मतदान हुआ। इनके अलावा बिन्द्रानवागढ़ के शेष मतदान केंद्रों में अन्य 69 विधानसभा क्षेत्रों की तरह सवेरे आठ बजे से शाम पांच बजे तक वोट डाले गए।
राज्य में विधानसभा आम निर्वाचन के लिए दूसरे चरण में मतदान वाले 70 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 958 उम्मीदवार मैदान में थे। दूसरे चरण में राज्य के कुल एक करोड़ 63 लाख 14 हजार 479 मतदाताओं को अपने मताधिकार का इस्तेमाल करना था। इनमें 81 लाख 41 हजार 624 पुरुष मतदाता, 81 लाख 72 हजार 171 महिला मतदाता तथा 684 तृतीय लिंग मतदाता शामिल हैं। इनमें से करीब 78 प्रतिशत लोगों ने वोट डाले हैं।
विधानसभा आम निर्वाचन के लिए दूसरे चरण में भरतपुर-सोनहट, मनेन्द्रगढ़, बैकुंठपुर, प्रेमनगर, भटगांव, प्रतापपुर, रामानुजगंज, सामरी, लुण्ड्रा, अम्बिकापुर, सीतापुर, जशपुर, कुनकुरी, पत्थलगांव, लैलूंगा, रायगढ़, सारंगढ़, खरसिया, धर्मजयगढ़, रामपुर, कोरबा, कटघोरा, पाली-तानाखार, मरवाही, कोटा, लोरमी, मुंगेली, तखतपुर, बिल्हा, बिलासपुर, बेलतरा, मस्तूरी, अकलतरा, जांजगीर-चांपा, सक्ती, चंद्रपुर, जैजैपुर, पामगढ़, सराईपाली, बसना, खल्लारी, महासमुंद, बिलाईगढ़, कसडोल, बलौदाबाजार, भाटापारा, धरसींवा, रायपुर ग्रामीण, रायपुर नगर पश्चिम, रायपुर नगर उत्तर, रायपुर नगर दक्षिण, आरंग, अभनपुर, राजिम, बिन्द्रानवागढ़, सिहावा, कुरूद, धमतरी, संजारी-बालोद, डौंडीलोहारा, गुण्डरदेही, पाटन, दुर्ग ग्रामीण, दुर्ग शहर, भिलाई नगर, वैशाली नगर, अहिवारा, साजा, बेमेतरा और नवागढ़ विधानसभा क्षेत्रों में वोट डाले गए।